भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है। लेखिका अरुंधति रॉय पर अब UAPA के तहत केस चलेगा। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की गई है।
एलजी वीके सक्सेना ने अरुंधति के साथ कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर डॉ.शेख शौकत हुसैन पर भी यूएपीए कानून में केस दर्ज करने की अनुमति दी है। अरुंधति और हुसैन पर वर्ष 2010 में मामला दर्ज किया गया था। सुशील पंडित की शिकायत के बाद 14 साल पहले दोनों पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
भड़काऊ भाषण देने का आरोप
बात 21 अक्टूबर 2010 की है। अरुंधति रॉय व शौकत हुसैन पर इसी दिन भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। कहा जाता है कि सम्मेलन में विवादास्पद नारे लगाए गए थे। इसे लेकर कश्मीर के सोशल एक्टिविस्ट सुशील पंडित ने 28 अक्टूबर 2010 को पुलिस में शिकायत की थी। फिर दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर अरुंधति और शौकत हुसैन पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
अरुंधति को मिल चुका बुकर पुरस्कार
आपको बता दें कि अरुंधति प्रसिद्ध लेखिका हैं। उनकी किताब को बुकर प्राइज मिल चुका है। वह साल 1997 था। अरुंधति की बुक ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला था। खास बात यह है कि यही अरुंधति का पहला नोबेल था। अरुंधित को वर्ष 2014 में टाइम मैग्जीन ने 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में भी जगह दी थी।