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देश में Monkeypox का पहला मरीज मिला, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

Monkeypox

Monkeypox in India: भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी सोमवार, 9 सितंबर को पुष्टि की है। दरसअल, विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था। जांच के बाद उसमें वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। हालांकि, यह स्ट्रेन WHO की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल क्लेड 1 स्ट्रेन से अलग है। 2022 में भी इस स्ट्रेन के 30 मामले दर्ज किए गए थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने राज्यों से मंकीपॉक्स के फैलाव को रोकने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही राज्यों को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा जारी सीडी अलर्ट (कम्यूनिकेबल डिजीज अलर्ट) का पालन करने की सलाह दी गई।

Monkeypox किसे हो रहा है?

WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स के अधिकतर मामले 18 से 44 वर्ष के युवा पुरुषों में देखे गए हैं। संक्रमण के अधिकांश मामले यौन संपर्क से फैले हैं, इसके बाद व्यक्ति से व्यक्ति के नॉन-सेक्सुअल संपर्क से संक्रमण हुआ है।

आइसोलेशन में व्यक्ति की हालत स्थिर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आइसोलेशन में रखा गया मरीज ठीक है। उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। संबंधित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान कर ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

WHO ने घोषित किया हेल्थ इमरजेंसी

WHO ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। इसके जवाब में भारत ने 20 अगस्त को देश के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स और पाकिस्तान व बांग्लादेश से सटी सीमा पर अलर्ट जारी किया था। यह दूसरा मौका है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की है।

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Monkeypox क्या है?

मंकीपॉक्स चेचक (स्मॉलपॉक्स) जैसा एक वायरल संक्रमण है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार का हिस्सा है। इसके लक्षण फ्लू की तरह होते हैं और शरीर पर मवाद भरे घाव हो सकते हैं। सामान्यतः इसके गंभीर परिणाम नहीं होते, लेकिन कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है।