मध्यप्रदेश अब उत्तरप्रदेश की राह पर आगे बढ़ चला है। यूपी में जहां कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदार को अपना नाम लिखना जरूरी है, ठीक वैसे ही मध्यप्रदेश में भी ऐसी कवायद की मांग की जाने लगी है। इंदौर विधायक रमेश मेंदोला और मालिनी गौड़ ने इसे लेकर सीएम डॉ.मोहन यादव से मांग की है। उधर, सीएम का गृहनगर उज्जैन इस मामले में एक कदम आगे बढ़ गया है।
उज्जैन नगर निगम के एक साल पहले जारी ऐसे ही आदेश को पूरे प्रदेश में लागू करने की मांग उठी है। उज्जैन के महापौर मुकेश टेटवाल का कहना है कि पिछले साल नगर निगम यह आदेश लाया था। उज्जैन के सभी दुकानदारों को इसके बारे में बताया था। राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भेजा है। अब शहर में इस पर सख्ती की जाएगी। अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी दुकानदार ने नाम और नंबर नहीं लिखे तो पहले दो हजार रुपए, इसके बाद 5000 रुपए की चालानी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी दुकानदार नहीं माने तो लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा।
उज्जैन नगर निगम ने दिए थे ये निर्देश
- होटल, रेस्टोरेंट, लॉज के नाम साइन बोर्ड पर हिंदी में लिखें।
- साइन बोर्ड के अक्षर इतने बड़े हों कि दूर से ही दिखाई दे।
- प्रतिष्ठान का मोबाइल नंबर, दुकान का पंजीयन क्रमांक का उल्लेख।
- ऐसा न करने पर पहली बार 2000 और दूसरी बार में 5000 का चालान बनेगा।
इंदौर में गर्म हुई सियासत
इंदौर से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और मालिनी गौड़ ने सीएम डॉ.मोहन यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में यह व्यवस्था लागू करने की मांग की है। मेंदोला ने लिखा कि नाम व्यक्ति की पहचान है। उसे अपने नाम पर गर्व होता है। विधायकों की इस मांग का महापौर पुष्यमित्र भार्गव और विधायक गोलू शुक्ला ने भी समर्थन किया है।