sagar murder case: मध्य प्रदेश के सागर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र के हरदुली गांव के जंगल किनारे स्थित तालाब से मिले क्षत-विक्षत शव के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। बकरी चोरी के संदेह के चलते निर्मम हत्या की गई थी, जिसमें मृतक का सिर, हाथ और पैर काटकर शव को पहचान छिपाने की कोशिश की गई। बाद में शव के हिस्सों को अलग-अलग तालाबों में फेंक दिया गया था।
2 सितंबर 2024 को हरदुली गांव के जंगल किनारे बने तालाब में सड़ी-गली अवस्था में एक अज्ञात शव मिला था, जिसके सिर, हाथ और पैर गायब थे। शव की पहचान करना मुश्किल था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे अर्जुन कुचबंदिया का होने की संभावना जताई। अर्जुन 23 अगस्त से लापता था। उसकी गुमशुदगी पहले से ही थाने में दर्ज थी। हालांकि, शव की पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई थी, जिसके बाद पुलिस ने DNA सैंपलिंग के जरिए शव की पहचान की प्रक्रिया शुरू की।
जंगल में घूमने गया था अर्जुन
जांच में यह तथ्य सामने आया कि अर्जुन कुचबंदिया अक्सर अपने साथियों के साथ जंगल में घूमता था। 23 अगस्त को वह अपने जीजा अकल कुचबंदिया के साथ जंगल की ओर जा रहा था, तभी कोमल गौड़ की उस पर नजर पड़ी। कोमल ने संदेह किया कि अर्जुन बकरी चोरी करने आया है। शक के आधार पर कोमल ने लाठी से अर्जुन पर हमला किया और इस दौरान उसने जियालाल कोल, गोलू कोल, और मुन्ना कोल को भी बुला लिया। सभी ने मिलकर अर्जुन पर हमला किया, जिसमें अर्जुन की मौत हो गई।
शव के कई टुकड़े किए
अर्जुन की मौत के बाद आरोपियों ने पकड़े जाने के डर से उसके शव के सिर, हाथ और पैर काट दिए, ताकि उसकी पहचान छिपाई जा सके। शव को पत्थर से बांधकर तालाब में फेंक दिया गया। सिर और हाथ-पैर को अलग बोरी में भरकर जंगल के दूसरे तालाब में फेंक दिया गया था, ताकि पुलिस को शव मिलने में कठिनाई हो, लेकिन बाद में शव फूलकर तालाब के ऊपर आ गया, जिससे पुलिस को जानकारी मिली।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग और जांच के अन्य वैज्ञानिक तरीकों से अर्जुन की पहचान की पुष्टि की। इसके बाद आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की गई। मामले की गहन जांच और त्वरित कार्रवाई के चलते पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।